⬛ वेद और वेदों के प्रकार ⬛
▪️इसे सर्वप्राचीन धर्मग्रंथ माना जाता है।
▪️वेद की संकल्नकर्ता महर्षि कृष्ण द्वेपयान वेदव्यास ने की थी।
▪️इसे समझने के लिए छह वेदांगो की रचना की गई है।
1. हिंदी 2. व्याकरण 3. छंद 4. निरूक्त 5. कल्प 6. ज्योतिष
◼️वेद चार प्रकार के हैं।
1. ऋगवेद 2. यजुर्वेद 3. सामवेद 4. अथर्ववेद
◼️ऋगवेद
▪️ इसके पाठकर्ता को होतृ कहते हैं।
▪️ इसके रचैता विश्वामित्र है।
▪️ इसमें 10 मंडल, 1028 सूक्त,10,462 ऋचाएं होती है।
▪️ इसके 8 वे मण्डल में हस्तलिखित ऋचाओं को खिल कहा गया है।
▪️इस वेद में गायत्री मंत्र का उल्लेख मिलता है।
▪️इसे प्राचीन वेद भी कहा जाता है।
▪️ इसमें इन्द्र 250 और अग्नि 200 ऋचाओं की रचना की गई है।
◼️ यजुर्वेद
▪️ इसके पाठकर्ता को अध्वर्यु कहा जाता है।
▪️इस वेद का उपयोग युद्ध और यज्ञ के प्रारंभ में किया जाता हैं।
▪️ यह गद्य और पद्य दोनों में मिलता है।
◼️सामवेद
▪️इसके पाठकर्ता को उद्रातृ कहा जाता है।
▪️इस वेद को संगीत का जनक भी कहा जाता है।
▪️इस वेद के ऋचाओं को गाया भी जा सकता है।
▪️ संगीत का उल्लेख इसी वेद में मिलता है।
◼️अथर्ववेद
▪️इस वेद की रचैता अथर्व ऋषि द्वारा किया गया है।
▪️इस वेद में तंत्र–मंत्र जादू–टोना, अभिशाप, छल–कपट, मनुष्यों का विचार, आशीर्वाद, वशीकरण, भूत–प्रेत, इत्यादि उल्लेख मिलता है।
▪️यह कन्याओं के जन्म का निंदा करता है।
NOTE:– सबसे प्राचीन वेद ऋग्वेद और बाद का वेद अथर्ववेद को माना जाता है।
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